समझदारी
समझदारी
बहुत पुराने समय की बात है।नदी के किनारे एक बहुत घना जंगल था..... बहुत घना..... बहुत घना.... इतना घना कि वहां तक सूरज की रोशनी भी नहीं पहुंच पाती थी। इस जंगल में सभी जंगली जानवर, पशु - पक्षी बहुत प्रेम के साथ रहते थे। सब एक दूसरे की समय पड़ने पर सहायता किया करते थे। बिना बात ही कोई किसी से झगड़ा नहीं करता था। जंगली जानवर भी बिना कारण से किसी पर हमला नहीं करते थे। इस जंगल में चार बहुत पक्के मित्र रहते थे - गोलू हाथी, नन्हे खरगोश, चमकी चिड़िया और झिलमिल मधुमक्खी।यह सब साथ-साथ घूमते साथ - साथ खेलते साथ-साथ खाते यहां तक कि कई बार तो साथ साथ सो भी जाया करते थे। पूरे जंगल के सभी पशु पक्षी इन से बहुत प्यार करते थे। और इनका पूरा ध्यान रखते थे। यह चारों दोस्त बहुत समझदार थे। केवल गोलू हाथी ही थोड़ा चंचल स्वभाव का था। और थोड़ा लापरवाह था। एक बार की बात है कि शिकारियों की एक टोली इस जंगल में आ पहुंची। उन शिकारियों ने पूरे जंगल को चारों तरफ से घेर लिया और जंगल की खूबसूरती को तहस-नहस कर डाला।जंगल के राजा शेर ने चारों ओर मुनादी करवा दी कि कोई भी किसी भी कारण से अकेला बाहर नहीं जाएगा। जब भी जाएंगे टोलियां बनाकर जाएंगे। जिससे यदि कोई संकट में फंस जाए तो उसको समय पर सहायता दी जा सके। जहां शिकारियों ने जगह-जगह जाल बिछाए, पिंजरे लगाए और हाथियों को पकड़ने के लिए बड़े-बड़े गहरे गड्ढे खुदवाए। वही जंगल के राजा शेर ने भी जगह-जगह नोटिस लगवा दी। सावधान...... सावधान...... आगे खतरा है। ध्यान दें..... ध्यान दें....। सभी जानवर और जंगल में रहने वाले इस आफत से भयभीत रहने लगे और परेशान हो गए। लेकिन एक दिन तो गजब ही हो गया। पता चला कि अचानक गोलू हाथी गायब हो गया है।गोलू के सभी दोस्तों...चमकी चिड़िया..... नन्हे खरगोश और झिलमिल मधुमक्खी का तो रो रो कर बुरा हाल हो गया।सभी जानवर परेशान हो गए कि इस संकट की घड़ी में किस प्रकार गोलू हाथी की खोज की जाए। लेकिन गोलू के दोस्त किसी भी तरह घर में बैठने को तैयार नहीं थे। वे गोलू को ढूंढने जाना चाहते थे। लेकिन किसी के भी परिवार ने इस खतरे को भांप कर उन्हें बाहर जाने की आज्ञा नहीं दी। नन्हे खरगोश अपनी उम्र के अनुसार बहुत समझदार था।उसने चमकी से कहा "चमकी! तुम तो आकाश में उड़ सकती हो। तुम धीरे-धीरे किसी भी तरह ढूंढो कि हमारा साथी गोलू कहां है? उसे कहां रखा गया है?" तभी झिलमिल मधुमक्खी बोली - "
नहीं नन्हे भाई! चमकी के स्थान पर मैं गोलू भाई को ढूंढने जाऊंगी। क्योंकि मैं इतनी छोटी हूं। मुझे कोई भी नहीं देख पाएगा।" नन्हे खरगोश ने कहा "ठीक है फिर तय रहा कि झिलमिल.. गोलू को ढूंढेगी।"
झिलमिल मधुमक्खी ने शाम के अंधेरे में जंगल के कोने कोने में गोलू हाथी को ढूंढना शुरू कर दिया। लगभग 4 घंटे की मेहनत के बाद अचानक उसे गोलू हाथी की आवाज सुनाई दी। उसने देखा गोलू हाथी एक बहुत गहरे गड्ढे में गिरा हुआ है.....। गोलू की हालत देखकर झिलमिल बहुत उदास हो गई। उसे बहुत दु:ख हुआ। फिर उसने हिम्मत से काम लिया और बोली "गोलू भाई तुम हिम्मत मत हारना। हम किसी भी तरह तुम्हें छुड़ा लेंगे और इस गड्ढे से बाहर निकाल लेंगे। वह दुष्ट शिकारी तुम्हारा कुछ बिगाड़ ना पाएंगे।लेकिन गोलू भाई..... यह तो बताओ कि तुम घर से निकले ही क्यों?"
" क्या बताऊं झिलमिल बहन मां को बहुत तेज बुखार है। मैं वैद्य जी के पास दवा लेने जा रहा था और जल्दबाजी में इस गड्ढे में गिर गया।"
" तुम चिंता मत करो। मैं सबको अभी खबर करती हूं। हम सब मिलकर कुछ ना कुछ उपाय कर लेंगे।"
झिलमिल मधुमक्खी बहुत तेजी के साथ वापस उड़ चली और कुछ ही पल में नन्हे खरगोश और चमकी चिड़िया के पास जा पहुंची। वहां जाकर उसने सारी बातें बता दी। उसकी बातें सुनकर दोनों परेशान हो गए।तब नन्हे खरगोश ने कहा "हमें अभी रात में ही कोई उपाय करना होगा। नहीं तो सुबह सवेरे वह दोस्त गोलू भाई को शहर ले जाएंगे। रात में शिकारी अंधेरे से डर कर जंगल में नहीं आएंगे।"
तीनों मित्र इस बात पर सहमत हो गए। नन्हे खरगोश ने अपने सभी घरवाले, रिश्तेदार और दोस्तों को इकट्ठा कर लिया और उन सभी जानवरों को बुलाया जो रहने के लिए बिल खोदते हैं। चमकी चिड़िया भी अपने सभी साथियों और परिवार को बुला लाई।झिलमिल ने भी जंगल की सभी मधुमक्खियों को इकट्ठा कर लिया।अब नन्हे ने कहा कि "गोलू हाथी को बचाने के लिए हमें योजना बनाकर कार्य करना होगा। सबसे पहले बिल खोदने वाले जानवर और मेरे सभी साथी उस गड्ढे के पास से खोदकर गड्ढे तक ऊपर की तरफ एक रास्ता बनाएंगे जिसके ऊपर चलकर गोलू हाथी बाहर आ जाएगा। चमकी चिड़िया अपने सभी साथियों के साथ ऊपर से ही रखवाली करेगी। यदि कहीं कुछ खतरा दिखाई देगा तो तुम हमें सावधान कर देना।झिलमिल तुम अपने सभी साथियों के साथ जैसे ही कुछ खतरे का अंदाजा हो उन शिकारियों पर टूट पड़ना जिससे उनके हौसले पस्त हो जाएंगे। और हमें समय मिल जाएगा।" सभी नन्हे खरगोश की बात से सहमत हुए। नन्हे बोला "ठीक है तो कार्य शुरू करें, सभी खरगोशों और जानवरों ने रास्ता बनाना प्रारंभ कर दिया। और चमकी अपने साथियों के साथ आकाश में पहरा देने लगी। पूरी रात खोदने के बाद भी अभी रास्ता पूरी तरह से नहीं बन पाया था। प्रातः काल में सूरज की लालिमा पूरब दिशा में चमकने लगी थी। अचानक ही चमकी और उसके साथियों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। सावधान..... सावधान....... शिकारियों का झुंड इधर ही चला आ रहा है। झिलमिल ने अपने सभी साथियों से कहा - "चलो साथियों! हमारा कार्य शुरू हुआ। सभी मधुमक्खियां गई और शिकारियों के झुंड पर टूट पड़ी। अचानक हुए इस हमले से शिकारी घबरा उठे और वापस भाग गए। तब तक खुदाई करने वाली टोली अपना कार्य कर चुकी थी। और गोलू हाथी उनके बनाए रास्ते से गड्ढे से बाहर आ गया। तब तक यह खबर आग की तरह सारे जंगल में फैल गई। सभी जानवर उसी स्थान पर आए। जंगल के राजा शेर और अन्य जानवरों ने नन्हे खरगोश, चमकी चिड़िया और झिलमिल मधुमक्खी की बहुत प्रशंसा की। गोलू की मां अपने बेटे को दुलार रही थी। सभी पशु - पक्षी नन्हे खरगोश, चमकी चिड़िया, और झिलमिल मधुमक्खी के लिए तालियां बजा रहे थे। उनकी प्रशंसा कर रहे थे। और इनके माता-पिता गर्व से इन्हें निहार रहे थे।
*शिक्षा - यदि धैर्य और साहस से काम लिया जाए तो बड़े से बड़ा संकट भी टाला जा सकता है।*
