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shiv pandey

Children Stories Inspirational Children

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shiv pandey

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शिक्षा और शिक्षक

शिक्षा और शिक्षक

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क्लास में शिक्षक और बच्चों के बीच संवाद चल रहा था शिक्षक पूछते हैं "शिक्षा क्या है?" बच्चे कुछ देर सोचते हैं फिर एक बच्चे ने जवाब दिया "जो हम पढ़ रहे हैं वही शिक्षा है"

दूसरे बच्चे ने अपनी अंकसूची दिखाते हुए कहा "यह मार्कशीट

जिससे पता चलता है कि हम शिक्षित है, यही शिक्षा है" तीसरे बच्चे ने कहा "जिससे नौकरी मिलती है वह शिक्षा है" शिक्षक ने फिर से कहा "मान लो आपने वही शिक्षा ग्रहण की जिसे आप अभी शिक्षा मान रहे हो और इसकी वजह से आपकी नौकरी भी लग गई फिर इसका क्या करोगे?"

एक बच्चे ने कहा "यही तो इसका उद्देश्य है, उद्देश्य पूरा होने के

बाद इसकी क्या जरूरत है?"

शिक्षक ने कहा "शिक्षा वह नहीं होती जो एक वस्तु, समय या जगह के बारे में हो, जिसे एक समय बाद भुला दिया जाए, जैसे आपने गणित पढ़ा, केमिस्ट्री पढ़ी और नौकरी के बाद उसे भूल गए. यह शिक्षा नहीं हो सकती"

बच्चों ने एक साथ पूछा "तो फिर शिक्षा क्या है? सर शिक्षा का मतलब है जो जिंदगी के बहाव को दिशा और दशा दिखा सके, जो जिंदगी को समग्रता में समझा सके, टुकड़ों में नहीं, जो आपको पूरे जीवन के लिए तैयार कर सके"

"मतलब सर?" एक बच्चे ने पूछा

मतलब जैसे जिंदगी एक बहाव है, विल्कुल नदी की तरह जो हमेशा गतिशील व जीवंत रहता है साथ ही समय के साथ समृद्ध होता है, इसे समझना है तो आप ठहरकर नहीं समझ सकते, यदि आप ठहराव का अध्ययन करेंगे तो वह नदी का नहीं किसी रुके हुए सड़े हुए पानी का अध्ययन होगा "यदि यह सब शिक्षा नहीं है तो फिर शिक्षक का क्या काम है। सर?"

"शिक्षक का काम सिर्फ एक दर्पण की तरह होजाना है जिसमें बच्चे अपना प्रतिबिंब देख सकें, जिसे देखकर बच्चे यह जान सकें कि वह कहां है, क्या देख रहे हैं, क्या नहीं देख पा रहे " शिक्षक आपको देखना सिखा सके न कि खुद अपनी आंखों से दिखाए।


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