STORYMIRROR

सच्ची दीवाली

सच्ची दीवाली

1 min
216


यह कहानी दस वर्ष बालक महेश की कहानी है, जो लालच के जाल में फँस कर अपने नैतिक मूल्यों को भुला रहा था। तभी पिताजी की सीख ने उसे ऐसा करने से रोका और उसके अंतर्मन को झंझोर दिया। यह कहानी ईमानदारी को अपना कर जीवनयापन की शिक्षा देती है।


Rate this content
Log in