Rekha Joshi

Others

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सावन के अंधे को हरा ही हरा दिखाईं देता है,

सावन के अंधे को हरा ही हरा दिखाईं देता है,

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राजू की शादी की तारीख पक्की हो गई थी, वह एक समझदार लड़का था, अपने माता पिता और भाई बहनों से बहुत प्यार करता था, उनकी हर बात माना करता था l कुछ ही दिनों में उसकी शादी हो गई l शादी के बाद उसके व्यवहार में काफी अन्तर आ गया, नई नवेली दुल्हन ने धीरे धीरे उसके परिवार के बारे में राजू से कुछ कही अनकही बातों को तोड़ मोड़ कर उसे उसके परिवार से अलग रहने पर मजबूर कर दिया l माँ बाप तो अपने बच्चे को सदा खुश ही देखना चाहते हैं, तो उन्होंने भी नव विवाहित जोड़े को अलग कर दिया ताकि वह दोनों अपनी जिंदगी खुशी से जी सकेंl

बात यहाँ पर भी खत्म नहीं हुई समय के चलते राजू को केवल अपनी पत्नी की बातें ही सही लगने लगी बाकी परिवार वाले पराये लगने लगे, बस यूँ समझ लो सावन के अंधे को हर ओर हरा ही हरा दिखाईं देता है, राजू को अपनी पत्नी की बातें ही सही लगने लगी l



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