Dharmendra Mishra

Children Stories Inspirational Children

4.0  

Dharmendra Mishra

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राजा का चुनाव

राजा का चुनाव

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दुदुम्भी नामक विशाल वन बहुत सारे जीव जंतुओं से भरा पूरा था, सभी जानवरों ने आपसी सहमति से जंगल कि सुचारु व्यवस्था संचालन के लिए चुनाव करवाने कि योजना बनाई, एक ऐसा राजा बने जिसका कहा सब मानें, जंगल कि पूरी व्यवस्था का सञ्चालन करे ।

 चुनावी नामांकन कि उद्घोषणा कि गई, गप्पू बंदर ने पूरे जंगल में चुनावी दुदुम्भी बजाई "जंगल के राजा का चुनाव होने जा रहा है, कल सुबह झुमरी के फट्टे, तालाब के पास एकत्रित हों।

सभी जानवरों में बड़ी बेसब्री थी, आखिर जंगल का राजा कौन बनेगा, अगले दिन सुबह होते ही सभी झुमरी के फट्टे, तालाब के पास एकत्रित होने लगे, जग्गा लोमड़ी, डंका हांथी, मंजा शेर, गोखा भालू, गट्टा भेड़िया, राका कुत्ता जैसे जानवरों ने जंगल का राजा बनने के लिए नामांकन भरे।

नियत समय, स्थान पर जब सभी जानवर एकत्रित हो गये, गप्पू बंदर ने घोषणा कि सभी प्रत्याशी अपना -अपना प्रस्ताव रखें। 

मंजा शेर, मचान पे चढ़ कर अपना सीना फुलाते हुए - मैं शेर हूँ, सब से ताकतवर पहले तो मैं ही अपनी बात रखूँगा।

गप्पू बंदर, सहमति से सर हिलाते हुए- क्यों नहीं, तुम ही रखो, क्या आगे, क्या पीछे ।

मंजा शेर, जोर जोर से दहाड़े मारने लगा, सभी जानवर डर से पीछे खिसकने लगे।

गप्पू बंदर, यहाँ किसी को डराना, धमकाना नहीं है, सीधा अपनी बात रखो, तुम्हें राजा क्यों बनाया जाये ?

मंजा शेर - राजा वो होता है, जिसके पास ताकत हो, ताकत के आगे सभी को झुकना ही पड़ता है, मैं अगर राजा बना किसी कि मजाल नहीं, मेरी इच्छा के विरूद्ध जाये।

गप्पू बंदर - कह चुके या और भी कुछ कहना है ?

मंजा शेर - बस इतना ही कहना था। मचान से उतर कर अपने स्थान पे खड़ा हो गया।

गप्पू बंदर, जग्गा लोमड़ी कि तरफ इशारा करते हुए, जग्गा लोमड़ी, बड़े शान से इठलाते हुए, मन ही मन, राजा तो मैं ही बनूँगा ।

मचान पे चढ़ जाता है- मैं राजा बनूँगा तो सब का भला करूँगा, सबके सुख -दुःख में साथ दूँगा ।

गप्पू बंदर - करेगा क्या, ये तो बता ?

जग्गा लोमड़ी –जिस में सब कि इच्छा वही मेरी इच्छा जो ये कहेंगे वही करूँगा।

गप्पू बंदर -ये कहेंगे तुम तालाब में डूब मरो तो कूद जाओगे ?

जग्गा लोमड़ी, अपनी ही बात में फंस गया, सकुचाते हुए- हाँ क्यों नहीं ?

गप्पू बंदर - जा फिर डूब मर।

सभी जानवर एक साथ - हाँ... जा अभी कूद। 

जग्गा लोमड़ी, चुप चाप, मचान से उतर कर अपने स्थान पे खड़ा हो गया।

गप्पू बंदर ने डंका हाथी कि ओर इशारा किया, डंका हाथी मचान पे चढ़ने को हुआ, गप्पू बंदर रोकते हुए - तुम तो खुद ही मचान हो वहीँ से खड़े -खड़े अपना प्रस्ताव रखो ?

डंका हाथी - मैं राजा बनूँगा तो सभी कि सुरक्षा करूँगा, जंगल में हिंसा नहीं होगी, कोई किसी का शिकार नहीं करेगा, निर्भय होकर सभी शांति से रहेंगे।

गप्पू बंदर - शिकार नहीं करेंगे तो तुम्हारी तरह घास -फूस खायेंगे।

डंका हाथी अपना मुँह लटका के बैठ गया ।

गप्पू, गोखा भालू कि ओर इशारा करता है, गोखा भालू फुर्ती से मचान पे चढ़ने लगा, शरीर से भारी होने के कारण, फिसल जाता है, सभी जानवर उसका मजाक बनाने लगते हैं। 

गप्पू बंदर - तू खुद को नहीं संभाल पा रहा, जंगल को क्या संभालेगा।

गट्टा भेड़िया कि ओर इशारा किया, गट्टा भेड़िया, चुपचाप मचान पे जाकर खड़ा हो गया, उसे कुछ बोल नहीं आ रहा था, क्या बोले, कुछ देर, इधर उधर देखता रहा फिर नीचे उतर गया।

गप्पू बंदर -चल भाई, ये तो झंडू निकला।

 राका कुत्ते कि ओर इशारा करते हुए, राका कुत्ता, मचान पे चढ़ गया, लगा एक साँस में बोलने- मैं राजा बनकर सेवक बनूँगा, पूरा जंगल ही मेरा परिवार है जिसके लिए मैं दिन -रात लगा रहूँगा , भौंक -भौंक कर आगाह करूँगा, 'राका तफरी योजना ' उपचार के लिए 'राका जड़ीबूटी योजना',भोजन के लिए 'राका चिड़ी मार योजना', रहने के लिए 'राका आवास योजना' और भी बहुत कुछ करूँगा ,बहुत सड़ी योजना लाऊंगा। कोई भी इन योजना के लाभ से छूटेगा नहीं, ये मेरी गारंटी है। मतलब शत प्रतिशत पूरी होने की गारंटी है।

गप्पू बंदर - बस भी कर ।

 राका कुत्ता अपने स्थान पे जाकर खड़ा हो गया।

गप्पू बंदर, सभी जानवरों कि तरफ घोषणा करते हुए -आप सब ने सभी प्रतिभागियों को सुना, अब सर्व सम्मति से फैसला लिया जायेगा, बारी-बारी से सब का नाम पुकारा जायेगा, जिसके पक्ष में ज्यादा मत होंगे वही राजा बनेगा।

सबसे पहले मंजा शेर का नाम पुकारा गया, सब एक दूसरे का मुँह तकने लगे, बस कुछ गीदड़, सियारों ने हाथ उठाये। 

जग्गा लोमड़ी का नाम पुकारा गया, उसके पक्ष में भी इक्का दुक्का ही हाँथ उठे, डंका हाथी का नाम पुकारा, उसके पक्ष में भी ऐसे ही हाथ उठे, गट्टा भेड़िये के पक्ष में एक भी हाथ नहीं उठे, जैसे ही गप्पू बंदर ने राका कुत्ते का नाम पुकारा, सभी के हाथ ऊपर उठ गये। 

गप्पू बंदर, घोषणा करते हुए - सर्वसम्मति से राका को जंगल का राजा चुना जाता है।

मंजा शेर, जग्गा लोमड़ी, गट्टा भेड़िया, इत्यादि बांकी प्रत्याशी चिढ़ गये -एक कुत्ते को हम अपना राजा स्वीकार नहीं करेंगे।

मंजा शेर, दहाड़ते हुए - हम कुत्ते को अपना राजा नहीं मानते।

सभी जानवर, एक स्वर में- ठीक है, तुम जंगल छोड़ कर जा सकते हो।

मंजा शेर और बाकी प्रत्याशी कुढ़ते हुए वहाँ से चले जाते हैं।

कहानी से सीख:

बुद्धि बल से शारीरिक बल को नियंत्रण किया जा सकता है किंतु शारीरिक बल द्वारा बुद्धि बल को नियंत्रण नहीं किया जा सकता इसलिए बुद्धि बल को शारीरिक बल से कहीं ज्यादा ताकतवर माना जाता है।


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