पंचम भाग 38
पंचम भाग 38
चारो देव उन भैसों के घायल माथे पर मुक्का मरने लगते हैं पहले से ही हतोत्साही और हताहत हुए चारो शैतान तेज़ी से डकारते हुए वही पानी में ढेर हो जाते हैं , चारो उन्हे खीच कर बाहर लाते है , उनके अंदर के शैतान तो फस ही गए थे, उन्हे फटाफट वलय कवच में डाल कर बंद करते हैं ,और उन्हे नर्क भेज देते हैं , अंत तक वह चारो शैतान ये नही जान पाते हैं की ये चारो कौन थे , हां ये समझ गए थे की ये जरूर को दैवीय शक्ति है जो उन्हे पकड़ने ही आई थी ,नाराज पहुंच कर उन्हे पता चलता है की , ये लोग देव हैं और सभी शैतानों को पकड़ने के लिए इन्हे भेजा गया है।"
पंचम वहां से वापस लौट कर भोजनालय आते हैं , तो वहां पता चलता है पुलिस वाले जबरन इंक्वायरी के नाम पर , उनके लोगों को उठा ले गए हैं।तभी मालिक अपने आदमियों के साथ आता है और कहता है," आइए प्रभु आप लोग पधारिए ,उन भैसों का काम तमाम हो गया।"
चरक कहता है "हां वह तो गए जहां उन्हे जाना था ,अब वो परेशान नही करेंगे ।"
अवधूत कहता है ," ये पुलिस वाले इन्हे क्यों पकड़ ले गए थे।"
मालिक कहता है " उन्हे पैसे खाने थे खा लिए ,उन्हे तो सबको परेशान करना रहता है।"
नैवेद्य कहता है ," हमारे भोजन की तैयारी करो तब तक हम इन पुलिस वालो को सबक सिखा कर आते हैं।"
अवधूत कहता है ," नही वह हमारा कार्य नही है ,अपनी करनी वह स्वयं भुगतेंगे।"
कारक कहता है "चलिए मुझे तो बहुत भूख लगी है।"
पांचों को अंदर के कमरे में भारतीय तरीके से भोजन की व्यवस्था करवा दिया गया था ,पंचम यह व्यवस्था देख खुश हो जाते हैं , सभी हाथ मुंह धो कर भोजन के लिए बैठते हैं।"
करीब तीन घंटे में पंचम भोजन कर उठते है , आज उन्होंने जम कर खाया था , होटल के कारीगर भी उनके फैन थे ,वह उनके लिए पूरे दिल से खाना बनाते हैं ,और उनसे पूछ कर उनके हिसाब का बना कर भी दे रहे थे , भोजन अधिक होने के कारण उन्हें झपकी आने लगी थी।"
अवधूत कहते है ," हमे थोड़ी देर विश्राम करना है ,।"
मालिक हाथ जोड़कर कहता है , " आप लोग ऊपर विश्राम कर सकते हैं , ऊपर पांच कमरे बढ़िया बने हुए हैं और उनमें अंदर पूरी व्यवस्था है।"
पंचम वहां जाकर विश्राम करने लगे।
थोड़ी देर में पुलिस वाले फिर आते हैं ,और कहते हैं ,की उन्होंने उन चारो भैसो को मार दिया ,वह जंगल में पड़ी उनके शव के फोटो दिखाकर कहते है ," यही है ना वो चारो भैंसे।"
होटल के सभी लोगो को पता था की यह तो पहले ही मार दिए गए थे ये पुलिस वाले जबरन अपने नाम पर उसको मारने का यश ले रहे थे।
पुलिस वाले कहते है ," तुम लोगो को हमने बचा दिया तो कम से कम खाना तो खिलाओ बढ़िया सा वह तो हमने तुम्हे बचा दिया वरना तुम्हारा होटल बंद हो जाता।"
मालिक कहता है ," इन लोगो को बढ़िया सा खान खिलाओ।"
कुक सबके खाने में जुलाब को गोली, मतलब जमाल गोटा मिला कर दे देते हैं ,उसकी मात्रा उतनी कर देते हैं , कि खाना खा के उठते उठते , छह के छहो पुलिस वाले ,वाश रूम के आगे लाइन लगा देते हैं , सभी होटल के वर्करों को बहुत मजा आता है।
पुलिस का अधिकारी कहता है "तुम लोगो ने खाने में क्या मिलाया?"
मैनेजर कहता है ," सर हम सब वही खाना खा रहे हैं, चाहिए तो आप खाना चेक करवा सकते हैं , हो सकता है आप लोगो ने जंगल में कुछ खाया होगा ।"
हवलदार कहता है ,," जा साहब हम लोगो ने वो कच्चे वाले बेर खाए थे ना।"
मैनेजर को पता था यह लोग हर जगह कुछ न कुछ खाते ही रहते है ,वह कहता है " बस वही गड़बड़ हो गई ,उसका और खाने का केमिकल लोचा हो गया।"
पुलिस वालो की हालत खराब हो गई थी तीन के तो पैंट भी खराब हो गए , मालिक को उन पर दया आ जाती है तो वह मेडिकल से दावा मंगवा कर देते है ,और एक काढ़ा बनाकर पीला देते हैं तो एक घंटे में उनका मामला ठीक होता है , होटल मालिक उन्हे वेटर के कपड़े पहनने को देते है ,वही पहन कर वह जाए हैं।"
विश्राम करने के बाद पंचम उठते है , और अगले कदम के लिए सूची देखते हैं , तो उसमे फिर से पांच लोगो का नाम था, पांचों मध्य प्रदेश में स्थित थे !!
वह उठते है और बिना कुछ किसी से कहे वहां से चल देते है , वह लोग तेज़ी से मध्य प्रदेश के भेड़ा घाट पर उतरते हैं ,और वहा के दुर्गम पहाड़ियों को देखते है ,उनके बीच से बह रहे नदी को भी देखते हैं। , पर उस ओर कुछ भी दिखलाई नही पड़ता हैं, ,!!
पांचों वहां से आवासीय इलाको की ओर जाते हैं , वहा की चहल पहल में भी उन्हे कुछ दिखाई नहीं पड़ता है , वह लोग एक जगह चौपाल लगा देख वहा उतरते हैं ,और अदृश्य रहकर ही वहा पर बैठे लोगो की बाते सुनते हैं , !!
एक आदमी कहता है , " कुछ दिनों से कंबल के जंगली में कई डाकुओं की लाशे मिली जिनका खून जैसे किसी ने निचोड़ कर पी लिया था, और उनके शव भी आधे से अधिक खाए हुए थे,।"
दूसरा कहता है जरूर किसी शैतान का काम होगा।"
तीसरा कहता है, " अरे जरूरी नहीं की शैतान ही हो में नही मानता भूत प्रेत शैतान को उन्हे तो भेड़ियों ने खाया होगा , सभी आदमखोर जानवर रक्त तो पी जाते हैं।"
पहला कहता है ," अरे भैया ,पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया हैं , कि उनके मरने के पहले उनका रक्त निकाला गया है।"
एक तांत्रिक टाइप का आदमी भी बैठा था वह कहता है , " यह काम तो पिशाच और शैतान के अलावा कोई नही कर सकता है , ये सब कुछ दिनों से ही हो रहा है , लोगो ने डर के मारे जंगल की ओर जाना छोड़ दिया है ।"
पंचम एक दूसरे को देखते हैं और वहां से गायब होते हैं ।
क्रमशः
