Bhushan Kumar

Children Stories Inspirational Others

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Bhushan Kumar

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मदद

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एक समय मोची का काम करने वाले व्यक्ति को रात में भगवान ने सपना दिया और कहा कि कल सुबह मैं तुझसे मिलने तेरी दुकान पर आऊंगा।


मोची की दुकान काफी छोटी थी और उसकी आमदनी भी काफी सीमित थी। खाना खाने के बर्तन भी थोड़े से थे। इसके बावजूद वो अपनी जिंदगी से खुश रहता था। 


एक सच्चा, ईमानदार और परोपकार करने वाला इंसान था। इसलिए ईश्वर ने उसकी परीक्षा लेने का निर्णय लिया।


मोची ने सुबह उठते ही तैयारी शुरू कर दी। भगवान को चाय पिलाने के लिए दूध, चायपत्ती और नाश्ते के लिए मिठाई ले आया। दुकान को साफ कर वह भगवान का इंतजार करने लगा। उस दिन सुबह से भारी बारिश हो रही थी। थोड़ी देर में उसने देखा कि एक सफाई करने वाली बारिश के पानी में भीगकर ठिठुर रही है। मोची को उसके ऊपर बड़ी दया आई और भगवान के लिए लाए गये दूध से उसको चाय बनाकर पिलाई।


दिन गुजरने लगा। दोपहर बारह बजे एक महिला बच्चे को लेकर आई और कहा कि मेरा बच्चा भूखा है इसलिए पीने के लिए दूध चाहिए। मोची ने सारा दूध उस बच्चे को पीने के लिए दे दिया। इस तरह से शाम के चार बज गए। मोची दिन भर बड़ी बेसब्री से भगवान का इंतजार करता रहा।


तभी एक बूढ़ा आदमी जो चलने से लाचार था आया और कहा कि मैं भूखा हूं और अगर कुछ खाने को मिल जाए तो बड़ी मेहरबानी होगी। मोची ने उसकी बेबसी को समझते हुए मिठाई उसको दे दी। इस तरह से दिन बीत गया और रात हो गई।

रात होते ही मोची के सब्र का बांध टूट गया और वह भगवान को उलाहना देते हुए बोला कि "वाह रे भगवान सुबह से रात कर दी मैंने तेरे इंतजार में लेकिन तू वादा करने के बाद भी नहीं आया। क्या मैं गरीब ही तुझे बेवकूफ बनाने के लिए मिला था।"


तभी आकाशवाणी हुई और भगवान ने कहा कि " मैं आज तेरे पास एक बार नहीं, तीन बार आया और तीनों बार तेरी सेवाओं से बहुत खुश हुआ। और तू मेरी परीक्षा में भी पास हुआ है, क्योंकि तेरे मन में परोपकार और त्याग का भाव सामान्य मानव की सीमाओं से परे हैं।"


शिक्षा:-

किसी भी मजबूर या ऐसा व्यक्ति जिसको आपकी मदद की जरूरत है उसकी मदद जरूर करना चाहिए। क्योंकि शास्त्रों में कहा गया है कि 'नर सेवा ही नारायण सेवा है'। और मदद की उम्मीद रखने वाले, जरूरतमंद और लाचार लोग धरती पर भगवान की तरह होते हैं। जिनकी सेवा से सुकून के साथ एक अलग संतुष्टि का एहसास होता है..!!


सदैव प्रसन्न रहिये।

जो प्राप्त है पर्याप्त है।।



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