sargam Bhatt

Children Stories Others

3  

sargam Bhatt

Children Stories Others

मासूम बचपन

मासूम बचपन

3 mins
218


रमेश और सुषमा बहुत खुश हुए जब उनके घर बेटी पैदा हुई, उन्होंने सारे गांव वालों को दावत पर बुलाया, रमेश एक दर्जी था जो गांव में बहुत मशहूर था।

अरे रमेश मुझे अपने साले की शादी में जाना है, मेरे लिए एक अच्छा सा सूट सिल दो।

क्यों नहीं सेठ जी।

रमेश के काम से सारे गांव वाले खुश थे। रमेश की पत्नी सुषमा भी उसका हाथ बंटाया करती थी। ज्यादातर औरतों के कपड़े सुषमा ही सिला करती थी।

दोनों की जिंदगी बहुत खुशहाल थी। और हो भी क्यों ना समझदार पति पत्नी और प्यारी सी फूल जैसी बच्ची।

लेकिन कहते हैं खुशियां ज्यादा देर नहीं टिकती, किसी ना किसी की बुरी नजर लग ही जाती है।

एक दिन रमेश का एक ट्रक से एक्सीडेंट हो गया, और उसकी तुरंत मृत्यु हो गई।


सुषमा अब अपनी बेटी के साथ अकेली रह गई थी। सुषमा ने अपने कपड़े सिलने का काम जारी रखा जिससे उसका घर चल रहा था, अभी तक तो औरतों के कपड़े सिल रही थी जिससे मुश्किल से उनका गुजारा होता था। इस बात को 12 साल बीत चुके थे, और सुषमा अभी भी सिलाई का काम करती थी।

उसकी बेटी स्वरा अब बड़ी हो रही थी। और वह आपने दोस्तों की देखी देखा डिमांड भी करने लगी थी,

मम्मा मेरे लिए भी बाली खरीदो ना ! सुधा के पापा ने उसके लिए नई बाली खरीदी, मेरे लिए बाली कब खरीदोगी ?

स्वरा तुम तो जानती हो तुम्हारी स्कूल का खर्चा में मुश्किल से भरती हूं, स्वरा मां से रूठ कर रोया करती थी।


एक दिल स्वरा फिर से मुंह फुला कर घर आई,

क्या हुआ स्वरा बेटा ?

कुछ नहीं मां!

सुषमा समझ गयी, आज उसके दोस्तों मैं से किसी के पास कुछ नई चीज आई है, और वह अपने आंसू छुपाते हुए स्वरा को समझाने लगी।

स्वरा ने सुषमा जी से अनेकों सवाल कर डाले,

मां मेरे पास पापा क्यों नहीं है?

मां मेरे लिए साइकिल क्यों नहीं आई?

मां हम लोग गरीब क्यों हैं?

मां आप मेरे लिए बाजार से मार्डन कपड़े क्यों नहीं लाती ?

मासूम बच्ची के दिल में कितने सवाल थे, सुषमा इस कशमकश में थी इस बच्ची के सवाल का क्या जवाब दे।

उसने कहा भगवान की यही मर्जी थी।

धीरे धीरे स्वरा बड़ी हो रही थी, वह पढ़ाई में बहुत होनहार थी, इंटर के बाद उसने ट्यूशन करके अपनी पढ़ाई का खर्चा खुद निकाल लिया करती थी, समय के साथ साथ उसने पढ़ाई जारी रखा और वह एक डॉक्टर बन गई।

सुषमा जी को उसकी शादी की चिंता सता रही थी, सुषमा जी ने स्वरा के पसंद का लड़का सुमित जो उसके साथ ही डॉक्टर था उससे शादी कर दी।

सुषमा जी आज भी सिलाई से भी अपना खर्चा निकालती है।

सुमित सुषमा जी को अपने पास ले जाना चाहता है लेकिन वह कहती है जब मैं लाचार हो जाऊँगी तब ले चलना अपने पास।

मैं तुम लोगों पर बोझ नहीं बनना चाहती।

स्वरा आज बहुत खुश है लेकिन जब भी बचपन याद करती है दुखी हो जाती है कि

उसका बचपन भगवान ने कैसे छीन लिया था ?


( जिनके पास माता-पिता है वह उनकी कदर नहीं जानते लेकिन जिनके पास नहीं है उनसे पूछिए उनके दिल में हजारों सवाल होते हैं मेरे पास पापा क्यों नहीं है दोस्तों आप लोग बताइए इस सवाल का क्या जवाब दिया जाए उस मासूम बच्ची को )



Rate this content
Log in