कोरोना एक महामारी
कोरोना एक महामारी
कोरोना, जब सबसे पहले यह नाम नवम्बर 2020 में सुना था तो कुछ अजीब लगा, हमने ऐसा सोचा की ये सिर्फ एक छोटी सी बीमारी है । इसलिए हमारे मन में इतना डर नहीं था । यहां तक कि कोरोना यह नाम याद तक नहीं रहता था, लेकिन धीरे धीरे कोरोना के मामले जब बढ़ने लगे तो जब भी समाचार सुनते या किसी से बात करते तो हर जगह सिर्फ कोरोना की ही बाते सुनने को मिलती थी । फिर कुछ समय बाद यह बीमारी जब एक भयानक रूप धारण करने लगी तो इसे महामारी कहा जाने लगा । कोरोना महामारी ने पहले स्कूल बंद करवाए फिर दुकानें वगैरह धीरे धीरे पूरा देश बंद होने लगा सब कुछ रुक सा गया । तब एक और नया शब्द हम सुनने लगे ... 'लॉकडाउन' शब्द नया लगा । पूरा देश बंद था देश ही नहीं बल्कि सच तो ये है कि पूरी दुनिया बंद हो गई थी, सभी देशों की अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ा। पहले पहले तो लॉकडाऊन इतना भी बुरा नहीं लगा, लेकिन जब काफी समय बीत गया तो घर बैठना बहुत परेशान करने लगा, अब सभी अपने अपने जीवन को दोबारा पहले की तरह जीना चाहते थे। हम स्कूल जाने को बेताब होने लगे लेकिन स्कूल नहीं खुले । उस समय बस हर दिन यही सोचते की स्कूल कब खुलेंगे कब हम वापस स्कूल जाएंगे । ऐसे ही देखते देखते एक साल बीत गया। तब जाके स्कूल खुले, हम सभी स्कूल जाने के लिए बहुत उत्सुक थे स्कूल गए तो बहुत खुशी मिली, स्कूल के नियम बिलकुल बदल गए अब पूरे स्कूल में कोई भी बिना मास्क नहीं आ सकता था दो गज की दूरी का बहुत ख्याल रखना होता लेकिन हम तो स्कूल खुलने से ही बहुत खुश थे । लेकिन फिर कोरोना के मामले बढ़ने लगे दो महीने ही स्कूल गए थे की फिर स्कूल बंद हो गए। हमें लगा कि कहीं फिर स्कूल बहुत ज्यादा समय तक बंद तो नहीं हो जाएंगे। लेकिन अभी इतने ज्यादा डरने की बात नहीं थी क्योंकि अब कोरोना की वैक्सीन आ चुकी थी कई लोगों को वैक्सीन लग भी चुकी थी। इसीलिए स्कूल तीन महीने बाद फिर खुले। अभी हम स्कूल जा रहे हैं और बहुत खुश हैं और बस हर पल यही चाहते हैं कि दोबारा स्कूल बंद न हों।
