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Rakesh Bishnoi

Children Stories Comedy Classics

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Rakesh Bishnoi

Children Stories Comedy Classics

'ईया से जी की ओर' भाग 3.

'ईया से जी की ओर' भाग 3.

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अब पहला कालांश अपना पहला कालांश कक्षा तीसरी में लिया। मैं कक्षा के अंदर पहुंचा विद्यार्थी ने खड़े होकर मेरा स्वागत किया मैंने विद्यार्थियों का अभिवादन किया । पहला दिन था और मेरा परिचय सभी जान चुके थे मेरे भी मन में विद्यार्थियों के नाम सुनने की जिज्ञासा थी। शुरुआत के 15 मिनट में परिचय करना तय हुआ अरविंद विष्णु करिश्मा रवीना कृष्ण गोविंद जैसी सुंदर सुंदर नाम के सुंदर सुंदर विधार्थी है परिचय दिया लाइन से खड़े होकर विद्यार्थी अपना अपना परिचय दे रहे थे। तभी एक विद्यार्थी का नंबर आया तो खड़ा नहीं हो रहा था मैंने बोला क्या हुआ खड़े होकर इधर आओ विधार्थी जल्दी से बोला 'आहु हु कागी दोराई है'।

ओह.....

अब पहला कालांश अपना पहला कालांश कक्षा तीसरी में लिया। मैं कक्षा के अंदर पहुंचा विद्यार्थी ने खड़े होकर मेरा स्वागत किया   मैंने विद्यार्थियों का अभिवादन किया ।  

पहला दिन था और मेरा परिचय सभी जान चुके थे मेरे भी मन में विद्यार्थियों के नाम सुनने की जिज्ञासा थी। शुरुआत के 15 मिनट में परिचय करना तय हुआ अरविंद विष्णु करिश्मा रवीना कृष्ण गोविंद जैसी सुंदर सुंदर नाम के सुंदर सुंदर विधार्थी है परिचय दिया लाइन से खड़े होकर विद्यार्थी अपना अपना परिचय दे रहे थे।   तभी एक विद्यार्थी का नंबर आया तो खड़ा नहीं हो रहा था मैंने बोला क्या हुआ खड़े होकर इधर आओ विधार्थी जल्दी से बोला 'आहु हु कागी दोराई है'।

ओह.....


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