एक रात

एक रात

1 min
671


यह कहानी उस वक़्त की है जब मैं दसवीं कक्षा में पढ़ती थी और मेरी बड़ी बहन रावी साथ में पढ़ते थे । उस रात मैं और रावी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे । गांव में लाइट नहीं थी इसलिए हमने कैंडल जलाई हुई थी । मुझे बहुत नींद आ रही थी और रावी मुझे सोने के लिए नहीं जाने दे रही थी क्योंकि परीक्षा नज़दीक थीं। मैं इतिहास पढ़ रही थी अचानक मुझे लगा जैसे कैंडल बन्द हो गई है, मैंने नज़र उठा कर देखा कैंडल जल रही थी। मैंने फिर से पढ़ना शुरू किया और इस बार फिर से मुझे वही महसूस हुआ । मैंने सोचा शायद मैं थकी हुई हूँ इसलिए वहम हो रहा और मुझे भूख भी महसूस होने लगी थी। मैं किचन मैं गई कि कुछ खा लूँ।


Rate this content
Log in

More hindi story from सादिया ग़ाज़ी