पछतावे में ज़िन्दगी, ज़िन्दगी में पछतावा यही काम रह गया है क्या ?? पछतावे में ज़िन्दगी, ज़िन्दगी में पछतावा यही काम रह गया है क्या ??
दर्शित और उसके मम्मी -पापा बस जाता हुए देखते रह गए थे। दर्शित और उसके मम्मी -पापा बस जाता हुए देखते रह गए थे।
मेरा पति कह कर उसकी पक्षधर बनी तो यह भूल जाना कि फिर कभी ज़िंदगी में सिर उठा कर जी भी पायेगी .एक बा... मेरा पति कह कर उसकी पक्षधर बनी तो यह भूल जाना कि फिर कभी ज़िंदगी में सिर उठा कर...