औलाद
औलाद
सुनो सामने श्रीवास्तव जी कह रहे थे कि चौधरी साहब के यहां बेटा हुआ है। एक बार तो जैसे मैंने कुछ ध्यान नहीं दिया परंतु दूसरे ही क्षण मैं एकदम से चौक पड़ी। क्या, क्या कहा आपने ?चौधरी साहब को बेटा हुआ है ?और मेरी आंखों के सामने पिछले साल का दृश्य घूम गया। चौधरी साहब व उनकी पत्नी दोनों ही हमारे सामने की लाइन में रहते हैं। चौधरी साहब 2 साल पहले ही पुलिस की नौकरी से रिटायर्ड हुए हैं। एक बेटा और एक बेटी है, दोनों की शादी हो गई। बेटी तो यहीं रहती है, बेटा व बहू दोनों अमेरिका में नौकरी करते हैं और उनको एक बेटी भी है। बेटा कुछ दिनों की छुट्टी लेकर आया था। अपने बेटे के साथ टहलते हुए वह अक्सर नजर आते थे।
उस दिन भी ऐसा ही हुआ था चौधरी साहब व उनका बेटा दोनों घर से नाश्ता करके निकले। उसे भारत आने पर यहां का खाना व मिठाई अच्छे लगते थे तो दोनों जलेबी लेने गए। जलेबी लेकर दोनों आए। वह पापा से यह बोलकर कि मैं नहा कर आता हूं फिर दोनों साथ में खाएंगे। ऐसा कह कर राजीव नहाने चला गया काफी देर हो गई वह नहीं आया। चौधरी साहब ने पत्नी को पुकारा - देखो तो राजीव बहुत देर से आया नहीं है।दोनों ने आवाज लगाई राजीव, बेटा राजीव। पर अंदर से कुछ आवाज नहीं आई तो दोनों अनहोनी की आशंका से डर गए। दरवाजे को धक्का देकर खोला तो राजीव वहां अचेत पड़ा था।
उन दोनों की चीख निकल गई। जल्दी से डॉक्टर को बुलाया पर तब तक तो बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टर ने राजीव को मृत घोषित कर दिया था। चौधरी साहब पर तो जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। हंसती खेलती जिंदगी को जैसे नजर लग गई हो, बड़ी मुश्किल से बहू को बताया। बहू अमेरिका से आई, वह तो समझ ही नहीं पाई कि राजीव को क्या हुआ होगा। अच्छे भले तो आए थे वह तो 10-12 दिन जैसे तैसे निपटा कर वापस नौकरी पर चली गई। रह गए तो दोनों चौधरी साहब व उनकी पत्नी। दोनों बड़े गुमसुम वह उदास रहते थे कोई भी उनका दुख बांट नहीं सकता था। काफी दिनों से उनकी पत्नी को देखा नहीं था और इधर लॉकडाउन में मेरा भी घर से निकलना बिल्कुल बंद जैसा ही हो गया था इसलिए उन पर ध्यान ही नहीं गया। हम खुद भी अपनी जिंदगी में इतने व्यस्त रहते हैं कि कहीं और की खबर रहती ही कहां है ?
और अभी विनय ने आकर बताया तो मैं बिल्कुल हतप्रभ रह गई। इस उम्र में बच्चा?चौधरी साहब की उम्र भी 64 की होगी और पत्नी भी 58-59 की होगी। चौधरी साहब ने खुद के बारे में तो सोच लिया किंतु उस बच्चे का क्या जिसे वे अब दुनिया में लेकर आए हैं, जब उसको मां बाप की जरूरत होगी तब तक तो उनके विदा लेने की तैयारी होगी।