वो चलती रहती है केवल पात्र खत्म होते है और एक स्त्री का संघर्ष जीवन भर चलता रहता है। वो चलती रहती है केवल पात्र खत्म होते है और एक स्त्री का संघर्ष जीवन भर चलता रहता...
आज उसे हक बनाकर गोद में थाम लिया। ना जाने ज़िन्दगी में कब उसकी माँ से मिलना होगा। आज उसे हक बनाकर गोद में थाम लिया। ना जाने ज़िन्दगी में कब उसकी माँ से मिलना होग...