Real 💞

Others

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अल्फ़ाज़

अल्फ़ाज़

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कभी तन्हाइयों में भी एक सुकून होता है।

भरी महफ़िल से ज्यादा जश्न वहां होता है।


वैसे तो बहुत रास्ते हैं, लोगों से मिलने के,

 मगर मज़ा तो खुद से मिलने पर ही आता है।


कई राहे मुड़ गई, साथ चलते चलते,

 ख्याल आया कि अकेले चलना क्या होता है।


झोंका आया हवा का और उड़ गई सुर्ख यादें,

 कोरे पन्नों पे वो अहेसास कितना दर्द देता है।


महफिलें तो रोशन करते हैं मरीज़ दिल के,

कैसे करें बयां तन्हाइयों का मर्ज क्या होता है।

                         


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