STORYMIRROR

वक्त संग इस...

वक्त संग इस ढलते दिन जैसे ढलते देखा है मैंनै कुछ रिश्तों को, गुम होते सूरज जैसे ही गुम होते देखा है कुछ लोगों को, इन झड़ते पत्तों सा ही टूट कर बिखरा हूंँ मैं भी, मगर बस चाँद सा कोई ना मिला इन नम अंधेरी रातों में उजाला करने को।

By Linnet Chahal
 114


More hindi quote from Linnet Chahal
0 Likes   0 Comments
2 Likes   0 Comments

Similar hindi quote from Abstract