STORYMIRROR
मैं...
मैं बनाकर ताजमहल...
मैं बनाकर...
“
मैं बनाकर ताजमहल , अपने मक़बरे पर
पढ़ लिया करती हूँ, कलमा इश्क़ का
मर चुके है ख्वाब, और अरमान, और वो रूह
बस नहीं मरता, कमबख़्त , जज़्बा इश्क़ का
”
150
More hindi quote from Sunskriti Metuchen
Similar hindi quote from Abstract
Download StoryMirror App