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इस अंजान दुनिया में कोई अपना नहीं है-सब संबंध, रिश्ते नाते स्वार्थमूलक है --अपने काम से काम रखने वाले...
वही व्यक्ति यहां सफल है जो इनकी ना सुने और,आत्माराम हो।
यदि कोई अपना है तो सिर्फ!यह अनहद और विशाल प्रकृति -- इसकी विवधता संपन्नता।जैसे नदी-पर्वत-झील आदि
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