आ फिर से आरज़ू कर, पैग़ामे मोहब्बत की, सर चढ़ी दुनिया को, पैरों पे गिरा दें...! आ फिर से आरज़ू कर, पैग़ामे मोहब्बत की, सर चढ़ी दुनिया को, पैरों पे गिरा दें...!