तक़दीर क्या मेरी भी कभी बदल पायेगी बस चाँद पर "नीतू" के लिए सहरा चाहिए। तक़दीर क्या मेरी भी कभी बदल पायेगी बस चाँद पर "नीतू" के लिए सहरा चाहिए।