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प्रेम मंजिल शक्ति प्रेरणा सृष्टि धारण अंत आदि अच्छी कविता दुःख सुख स्त्री एक स्त्री के भीतर कहीं दूर तक अपना सुरंग रचती चली आ रही है जाने कितनी पीढ़ियों से" (इसी कविता से)

Hindi रचती Poems