ये कविता एक प्रेमी की आवाज़ है। ये कविता एक प्रेमी की आवाज़ है।
जब तक रहेगी ज़िन्दग़ी फ़ुर्सत नहीं होगी काम से कुछ समय ऐसा निकालो! जब तक रहेगी ज़िन्दग़ी फ़ुर्सत नहीं होगी काम से कुछ समय ऐसा निकालो!