कोई जगह ना हैं महफ़ूज मन से भी ज़्यादा "नीतू" ने चाँद छुपाया नहीं बहुत दिन से। कोई जगह ना हैं महफ़ूज मन से भी ज़्यादा "नीतू" ने चाँद छुपाया नहीं बहुत दिन से।