कितना समझाया कि उसे पास-ए-वफ़ा न था और मैं हूँ की जुनून करता चला जाता हूं कितना समझाया कि उसे पास-ए-वफ़ा न था और मैं हूँ की जुनून करता चला जाता हूं
किसी अहले नज़र को किसी अहले नज़र को