राजनीति के नाम बाँट दिया है भारत के लोगो को। जीवन यादें घर मजहब कमाई नतीजा लूट नफ़रत खामिशी "धरती की तो हमने तकसीम कर ली मगर क्या आसमान को भी हम बाँट पाएँगे"

Hindi बाँट Poems