हम राजनीति के कारण इस कदर बंट चुके हैं कि हम खुद का नुकसान कर रहे हैं। हम राजनीति के कारण इस कदर बंट चुके हैं कि हम खुद का नुकसान कर रहे हैं।
घर में सहेजी हुई यादें भी जल गयी, मजहब के नाम पर कैसी लूट मची घर में सहेजी हुई यादें भी जल गयी, मजहब के नाम पर कैसी लूट मची
"धरती की तो हमने तकसीम कर ली मगर क्या आसमान को भी हम बाँट पाएँगे" "धरती की तो हमने तकसीम कर ली मगर क्या आसमान को भी हम बाँट पाएँगे"