बादलों के घूँघट से किरणें चमचमाती हैं शर्माती, इठलाती, धीरे गुनगुनाती हैं, तारों सी जड़ी रौशनी ... बादलों के घूँघट से किरणें चमचमाती हैं शर्माती, इठलाती, धीरे गुनगुनाती हैं, ...
आंखों के आँसू पलकों पर ही अटके हैं सालों से , आंखों के आँसू पलकों पर ही अटके हैं सालों से ,