सुबह शाम फरियाद करते है, हमदम तेरी फिर भी न जाने इतना तकल्लुफ़ क्यों आज भी है, सुबह शाम फरियाद करते है, हमदम तेरी फिर भी न जाने इतना तकल्लुफ़ क्यों आज भी ह...