बैठ गई उदासी की गोद में हार का जामा पहन बिना लडे़ ही बैठ गई उदासी की गोद में हार का जामा पहन बिना लडे़ ही
किराये के कमरों में रहते हुए कि विवशता, कुढ़न और भड़ास है ये नज़्म। किराये के कमरों में रहते हुए कि विवशता, कुढ़न और भड़ास है ये नज़्म।