यदि द्रौपदी का चीरहरण हुआ और सभा बेबस चुप रही? यदि द्रौपदी का चीरहरण हुआ और सभा बेबस चुप रही?
मौन हैं शब्द मगर मुखर है भावनाएँ, समझ सके समझ लें गहरी सी संवेदनाएँ! मौन हैं शब्द मगर मुखर है भावनाएँ, समझ सके समझ लें गहरी सी संवेदनाएँ!