माँ कई रूप है धरती, दीनों का उद्धार है करती, माँ कई रूप है धरती, दीनों का उद्धार है करती,
हे कौशल्या लाल, तुम्हारी जय होवे। हे कौशल्या लाल, तुम्हारी जय होवे।