हर एक वो नश्तर जो मेरे दिल पर... हर एक वो नश्तर जो मेरे दिल पर...
अश्कों के सुनामी कितने देर रात तकिए के गिलाफ़ पर, जज़्ब करता है तू भी! अश्कों के सुनामी कितने देर रात तकिए के गिलाफ़ पर, जज़्ब करता है तू भी!