चिड़ियाँ के जैसी चौड़ी छाती और साहस की जरूरत है। चिड़ियाँ के जैसी चौड़ी छाती और साहस की जरूरत है।
घर को उनके बरस दर बरस क्यों दीवाली छूकर न जाए ! घर को उनके बरस दर बरस क्यों दीवाली छूकर न जाए !