नारी तू नारायणी... तू किसलिए हताश है? ये शब्द नहीं, कोई नाम नहीं, ये तेरी पहचान ह नारी तू नारायणी... तू किसलिए हताश है? ये शब्द नहीं, कोई नाम नहीं, ये ...
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है। जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं, समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।