फ़िर सजेंगे रास्ते और गुलिस्तां, फ़िर उजाले का वो दिन भी आयेगा। फ़िर सजेंगे रास्ते और गुलिस्तां, फ़िर उजाले का वो दिन भी आयेगा।
हिल जाती है जमीं चंदन समन्दर मे सुनामी आ जाता है। हिल जाती है जमीं चंदन समन्दर मे सुनामी आ जाता है।