ना जाने और कितना तड़पायेगी ये ज़िंदगी, मजदूर की मजबूरी को कितना आजमाएगी। ना जाने और कितना तड़पायेगी ये ज़िंदगी, मजदूर की मजबूरी को कितना आजमाएगी।