तेरी खता तेरी ये माफ़ी और सफर हमारा हमारी झांकी, यूँ ही बनाये रखना। तेरी खता तेरी ये माफ़ी और सफर हमारा हमारी झांकी, यूँ ही बनाये रखना।
आज भी मैं सपनों से यूं ही जाग जाती हूँ तुझे ख़ुद के इतना क़रीब जो पाती हूँ ! आज भी मैं सपनों से यूं ही जाग जाती हूँ तुझे ख़ुद के इतना क़रीब जो पाती हूँ !