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Raman Sharma

Others

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युद्ध का ऐलान

युद्ध का ऐलान

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वो मनहूस दिन की भोर थी,

हवा बड़ी घनघोर थी।

वो एक नए तूफान की आहट थी, 

माहौल में बड़ी झटपटाहट थी।


पश्चिम का वो रण था,

एक योद्धा का वो प्रण था।

योद्धा के मन में क्रोध था,

प्रण में भी उसके प्रतिशोध था।


तूफान युद्ध का आने वाला था

जो मानवता को निगल जाने वाला था।

कुछ वक्त बाद संसार होने वाला दंग था,

क्योंकि यह हिटलर का ऐलान-ए-जंग था। 



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