ये वक़्त.....
ये वक़्त.....
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कब सोचा था, यूं करवट लेगा ये वक़्त।
हालात सारे पल में बदल देगा ये वक़्त।।
देखें ताले मंदिरों पर मस्जिदें भी वीरान लगी।
जाने और कैसे कैसे इम्तिहान लेगा ये वक़्त।।
छीन लिया उस हर-दिल अजीज शख्स को।
जाने और कैसे कैसे ज़ख्म देगा ये वक़्त ।।
हाय् जान-ए-महफिल भी खामोशी से गुज़रे आज
जाने कैसे कैसे और मंजर नसीब करेगा ये वक़्त ।।
अभी गर्दिश ए क़िस्मत मे है उलझें तो क्या "राही"।
देख लेना तुम भी एक दिन साथ चलेगा ये वक़्त ।।
