वो एक शख्स जो अभी मुझे जानता नहीं है
वो एक शख्स जो अभी मुझे जानता नहीं है
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वो मुझ से मिला तो मेरा मुरीद हो जाएगा
वो एक शख्स जो अभी मुझे जानता नहीं है
एक मेरा आईना है जो मुझसे बातें करता है
और तो कोई इस शहर में मुझे पहचानता नहीं है
चाँद से मेरा सिर्फ रौशनी तक का वास्ता नहीं है
मेरी रात के बातों को और कोई मानता नहीं है
हवाओं से गुजारिश है ले जायें उसके एहसास की खुश्बू
मेरा दिल और उसके दिल में अब कोई समानता नहीं है
मुझसे न संभाला जायेगा अब ये उसके ज़ुल्म का ताब
उससे कहो न वो अपनी तलवार क्यूँ निकालता नहीं है.
