यूँ ही नहीं बीतती, करवटों में रातें, इस रात की ख़ामोशी में, तेरी यादों का शोर बहुत है...! यूँ ही नहीं बीतती, करवटों में रातें, इस रात की ख़ामोशी में, तेरी यादों का शोर बह...
कभी यूं भी हो ....... मैं याद करूं तुम्हें , तो एहसास हो जाए. कभी यूं भी हो ....... मैं याद करूं तुम्हें , तो एहसास हो जाए.