तिरंगा यूं लहराता है
तिरंगा यूं लहराता है
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आजादी का आज तिरंगा
ऐसे यूं लहराता है,
जैसे मस्त पवन का झोंका
पत्तों को लहराता है।
आजादी के इस जलसे को
सारा देश मानता है,
जैसे सारे रंग मिलकर
एक नया रंग बन जाता है।
नई उमंग नई तरंग
नया ये दिन कुछ अलग सा है,
जैसे सात सुरों से से मिलकर
गीत नया बन जाता है।
आजादी को पाने की खातिर
आजादी के दीवानों ने,
खुद को अर्पण किया था
आज आजादी को पाने में।
आज के दिन हर एक इंसान
कुछ कर्जदार बन जाता है,
आजादी का आज तिरंगा
ऐसे यूं लहराता है,
जैसे मस्त पवन का झोंका
पत्तों को लहराता है।