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Vivek Kumar

Others

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Vivek Kumar

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सत्य के राही शिव

सत्य के राही शिव

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शिव ही सत्य की ज्योत है,

उनके बिना न कोई होत है,

जीवन संघर्ष रूपी प्याला है,

नीलकंठ ने पिया विष का प्याला है,

शिव की महिमा से अछूता न कोई आम,

सत्य के राही शिव को मेरा प्रणाम ।


कहा जाता इन्हे सृष्टि के रचनाकार,

ऐसे निराले हैं हमारे भोले कलमकार,

इनके नाम में ही छुपा है जीवन का सार,

इसी से हमसभी का होगा बेड़ा पार,

शिव की महिमा से अछूता न कोई आम,

सत्य के राही शिव को मेरा प्रणाम।।


शिव के नाम से दिनचर्या होती आसान,

बढ़ता जग में आन बान और शान,

अन्याय के खिलाफ जो, लड़ना सिखाए,

सत्य के पथ पर हमें चलना,

शिव की महिमा से अछूता न कोई आम,

सत्य के राही शिव को मेरा प्रणाम।

 

दिल और दिमाग के द्वंद से,

आत्मनियंत्रण कराए,

खुद को नियंत्रित करने का ज्ञान,

शिव अपने महायोगी रूप से सिखलाते,

शांतचित रहने का सलीका तमाम,

शिव की महिमा से अछूता न कोई आम,

सत्य के राही शिव को मेरा प्रणाम।।


त्रिशूल और डमरू, धन और संपदा का सूचक,

सिखलाता भौतिकवाद के पीछे तू न भाग,

विष का कर पान, नीलकंठ ने विश्व को दिया,

नकारात्मकता छोड़, सकारात्मकता का संकेत सरेआम,

शिव की महिमा से अछूता न कोई आम,

सत्य के राही शिव को मेरा प्रणाम।।


शिव अपनी इच्छा को परे रख, दिया संदेश,

इच्छाएं होती जुनून, करती सर्वनाश, 

अर्धनारीश्वर शिव पार्वती रूप से,

पत्नी को दिलाया मान और सम्मान,

शिव की महिमा से अछूता न कोई आम,

सत्य के राही शिव को मेरा प्रणाम।


हाथ में धारित त्रिशूल बताता,

न कर हावी, न खुद पर घमंड ,

महायोगी रूप बताया, पर न मोहमाया में,

नटराज रूप से मिलता, नृत्य की है सीख,

शिव की महिमा से अछूता न कोई आम,

सत्य के राही शिव को मेरा प्रणाम।।

       


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