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Anu Pande

Others

2.5  

Anu Pande

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संगीत

संगीत

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 संगीत बजता रहा, जीवन की हर लय पर,

वक़्त की लय पर जीवन थिरकता रहे ।

सूरज की पहली किरण संतूर सी जागी,

पत्तों की सरसराहट गुनगुनाती रही ।

हवा का रूख बाँसुरी सँवारता रह।

बूँदों की थाप तबला टटोलती रही ।

झरने के जलतरंग संग जीवन बहता रहा ।

पंछियों का कलरव साजिंदों सा साथ रहा ।

रात दिन संग जुगलबंदी चलती रही,

मन मलिन सी काया भी सुनहरी हो चली ।

साज बजतें रहें, संगीत महकता रहे,

नवांकुरोंं संग जीवन निखरता रहे । 


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