स्कूल की दोस्ती
स्कूल की दोस्ती
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क्या खूब थीं वो स्कूल की यादें
जब हम बने थे चार दोस्त
दोस्ती थी हमारी अटूट
हम कभी ना भुला पाऐ
कुछ खट्टी, कुछ मीठी
बन कर रह गई यादें हमारी
वक्त से मजबूर होकर हम
बिछड़ गए सारे दोस्त
ना जाने कहां कहां
बस यादों मे बनकर
रह गई उनकी छवि
याद करती हूं जब उन्हें
आंखें हो जाती हैं नम
स्कूल की दोस्ती थी हमारी
कोई अटूट रिश्ता से कम नही
काश कि वो लम्हे
फिर से लौट कर आ जाएं
मिल बैठें हम सब दोस्त
याद करके उन दिनों को
जब हुआ करते थे
हम स्कूल के दोस्त।
