छोटी -छोटी जरूरतों को ताक पर रख कर अपने बच्चो का भविष्य बुनते हैं। छोटी -छोटी जरूरतों को ताक पर रख कर अपने बच्चो का भविष्य बुनते हैं।
हर दुनियादारी का बोझ कब तक लडकी उठाती रहे ? हर दुनियादारी का बोझ कब तक लडकी उठाती रहे ?