दूर किसी मंज़िल पर पहुंचने के लिए, जैसे कोई गाड़ी या वाहन ही नहीं! दूर किसी मंज़िल पर पहुंचने के लिए, जैसे कोई गाड़ी या वाहन ही नहीं!
धुए में सब धुआं सा लगता है। धुए में सब धुआं सा लगता है।
वो नदी और मै समुंदर बन जाऊं, कितने अलग क्यों ना हो मिलना थो तय है।। वो नदी और मै समुंदर बन जाऊं, कितने अलग क्यों ना हो मिलना थो तय है।।
मंज़िलो तक ले जाने वाले सफर बहोत खूबसूरत होते हैं। मंज़िलो तक ले जाने वाले सफर बहोत खूबसूरत होते हैं।