सारथी
सारथी
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खौफ मंजर देख सपन संसार का,
काँप उठा मन रो रहा दिल जार-जार सा।
कैसे मौत का सामना करना पड़ रहा,
आदमी हो या शहंशाह दिख रहा लाचार सा।
डॉक्टर भगवान बनकर उतरा है,
वही कह रहा बहुत खतरा है।
देता हिदायतें बार-बार वो,
रब पर रखे भरोसा कह पुकार वो।
फिर मैंने भी मन को समझाया,
ईश्वर के उपदेशों को कई बार दोहराया।
तेरा क्या था, क्या तू लेकर आया,
सामना डटकर कर तू क्यों घबराया।
बन जा सारथी सबका साथ दे ,
तू भी जी औरों की मौत को मात दे।
प्रलय के समय में वही बच पाएगा ,
जो कर भला हो भला को अपनाएगा।
