मेरे मयकश अज़ीज़ दोस्तों के नाम एक मज्ज़हिया नज़्म पेश-ए-नज़र है. ग़लतियों को नज़रंदाज़ कीजिये, लुत्फ़ उठाइये... मेरे मयकश अज़ीज़ दोस्तों के नाम एक मज्ज़हिया नज़्म पेश-ए-नज़र है. ग़लतियों को नज़रंदाज़ ...