सही समय है ओ दीवानों अब तो होश में आओ , कभी किसी भी सीता पर यूँ उंगली न उठाओ !! सही समय है ओ दीवानों अब तो होश में आओ , कभी किसी भी सीता पर यूँ उंगली न उठाओ !!...
लौटी लंका से जिस मर्यादा के संग, एक स्त्री के संघर्ष के परिचय में बदल गया। लौटी लंका से जिस मर्यादा के संग, एक स्त्री के संघर्ष के परिचय में बदल गया।