मैंने क्यों लिया जन्म जब ना खेल सकूँ अपनी माँ की आँचल में, मैंने क्यों लिया जन्म जब ना खेल सकूँ अपनी माँ की आँचल में,
जहां कोई बंधन नहीं केवल हो खुशी हीं खुशी ! जहां कोई बंधन नहीं केवल हो खुशी हीं खुशी !